Monday 24 October 2011
Tujhe shayad khabar hogi
mujhe teri muhabat ne
bahut buzdil bana dala....
Main har us shay se darta hun,
... ......Tujhe jo cheen sakti hai...
Main un lamhon se darta hun,
Judaai jin main rehti hai....
Main un ashkon se darta hun,
Jo ban kar yaad bahtey hain....
Main un lafzon se darta hun,
Jo khamoshi main rehtey hain...
Bicharne ki mere hum-dum,
Main har surat se darta hun...
Tujhe shayed khaber hogi
mujhe teri muhabat ne
bahut buzdil bana dala..
mujhe teri muhabat ne
bahut buzdil bana dala....
Main har us shay se darta hun,
... ......Tujhe jo cheen sakti hai...
Main un lamhon se darta hun,
Judaai jin main rehti hai....
Main un ashkon se darta hun,
Jo ban kar yaad bahtey hain....
Main un lafzon se darta hun,
Jo khamoshi main rehtey hain...
Bicharne ki mere hum-dum,
Main har surat se darta hun...
Tujhe shayed khaber hogi
mujhe teri muhabat ne
bahut buzdil bana dala..
Koi yaad bhi usko yad nai...
koi bat bhi usko yad nahi
Ek shaks ne usko chaha tha
wo zaat bhi usko yad nahi....
...
Jab aasma ki bijli chamki thi
Jab badal toot kar barsa tha......
Hum dono jis main bhige the
wo barsat be usko yad nahi....
Wo kehti thi main sunta tha
wo kehti thi main sunta tha....
un lahko bato main
koi bat bhi usko yad nahi...
wo sahil darya phool hawa
wo shab bhar chand ko dehkna...
un lahko raato main
koi Raat bhi usko yad nahi
koi yaad bhi usko yad nahi
koi baat bhi usko yad nahi.....
koi bat bhi usko yad nahi
Ek shaks ne usko chaha tha
wo zaat bhi usko yad nahi....
...
Jab aasma ki bijli chamki thi
Jab badal toot kar barsa tha......
Hum dono jis main bhige the
wo barsat be usko yad nahi....
Wo kehti thi main sunta tha
wo kehti thi main sunta tha....
un lahko bato main
koi bat bhi usko yad nahi...
wo sahil darya phool hawa
wo shab bhar chand ko dehkna...
un lahko raato main
koi Raat bhi usko yad nahi
koi yaad bhi usko yad nahi
koi baat bhi usko yad nahi.....
Sunday 23 October 2011
"Teri Yaad"
Teri yad bohat ab aane lagi hai
Ek Jan hai ab wo bhi Jane lagi hai
Tanha tanha ab rehne lagay hain
Tanhai bohat tarpane lagi hai
Es haal main Jeena mushkil hai
Har sans tujhe bulane lagi hai
Teri yadon ki Jo khushbo hai
Meri sanso ko mahkane lagi hai
Koi lamha teri yad se khali nhi
Ab tu ye ankhein b aansu bahane lagi hain
Agar lot aana hai tu lot aao
Is dil se ab dharkan b Jane lagi hai
Teri yad bohat ab aane lagi ha
Ek Jan hai ab wo bhi Jane lagi hai
Tanha tanha ab rehne lagay hain
Tanhai bohat tarpane lagi hai
Es haal main Jeena mushkil hai
Har sans tujhe bulane lagi hai
Teri yadon ki Jo khushbo hai
Meri sanso ko mahkane lagi hai
Koi lamha teri yad se khali nhi
Ab tu ye ankhein b aansu bahane lagi hain
Agar lot aana hai tu lot aao
Is dil se ab dharkan b Jane lagi hai
Teri yad bohat ab aane lagi ha
Monday 17 October 2011
रिमझिम बारिश की बूंदे छूने को करता है मन
पर फिर भीग जाने से क्यों डरता है मन
दोस्तों की महफ़िल में हंसी ठिठोली करता है मन
पर फिर क्यों ऐसे तन्हा रहता है मन
अपनी मंजिलें पाने की कोशिश करता है मन
पर फिर क्यों अनजाने रास्तो पे चलता है मन
दोस्त साथी सब खो देने से डरता है मन
पर क्यों किसी की परवाह नहीं करता है मन
अब दुनिया में ना जाने क्यों नहीं लगता है मन
पर फिर भी दुनिया से जाने से क्यों डरता है मन
अब और कुछ नहीं करना चाहता है मन
पर फिर भी कुछ पाने की तमन्ना क्यों करता है मन
उगते सूरज की चाहत करता है मन
फिर भी धूप में जलने से क्यों डरता है मन
किस्मत अपनी खुद बनाना चाहता है मन
फिर भी हाथो की लकीरों पे क्यों भरोसा करता है मन
अपनी खुशियों के दायरे खुद तय करता है मन
पर फिर भी क्यों उदास रहता है मन
शायद ज़िन्दगी का मकसद तलाशता है मन
इसलिए ही यूँ बैचैन रहता है मन
पर फिर भीग जाने से क्यों डरता है मन
दोस्तों की महफ़िल में हंसी ठिठोली करता है मन
पर फिर क्यों ऐसे तन्हा रहता है मन
अपनी मंजिलें पाने की कोशिश करता है मन
पर फिर क्यों अनजाने रास्तो पे चलता है मन
दोस्त साथी सब खो देने से डरता है मन
पर क्यों किसी की परवाह नहीं करता है मन
अब दुनिया में ना जाने क्यों नहीं लगता है मन
पर फिर भी दुनिया से जाने से क्यों डरता है मन
अब और कुछ नहीं करना चाहता है मन
पर फिर भी कुछ पाने की तमन्ना क्यों करता है मन
उगते सूरज की चाहत करता है मन
फिर भी धूप में जलने से क्यों डरता है मन
किस्मत अपनी खुद बनाना चाहता है मन
फिर भी हाथो की लकीरों पे क्यों भरोसा करता है मन
अपनी खुशियों के दायरे खुद तय करता है मन
पर फिर भी क्यों उदास रहता है मन
शायद ज़िन्दगी का मकसद तलाशता है मन
इसलिए ही यूँ बैचैन रहता है मन
मैं न जानू की कौन हूँ मैं,
लोग कहते है सबसे जुदा हूँ मैं,
मैने तो प्यार सबसे किया,
पर न जाने कितनो ने धोखा दिया।
चलते चलते कितने ही अच्छे मिले,
जिनने बहुत प्यार दिया,
पर कुछ लोग समझ ना सके,
फिर भी मैने सबसे प्यार किया।
दोस्तो के खुशी से ही खुशी है,
तेरे गम से हम दुखी है,
तुम हंसो तो खुश हो जाऊंगा,
तेरे आँखो मे आँसु हो तो मनाऊंगा।
मेरे सपने बहुत बढे़ है,
पर अकेले है हम, अकेले है,
फिर भी चलता रहऊंगा,
मजिंल को पाकर रहऊंगा।
ये दुनिया बदल जाये पर कितनी भी,
पर मै न बदलऊंगा,
जो बदल गये वो दोस्त थे मेरे,
पर कोई ना पास है मेरे।।
आसमान को देखा है मैने, मुझे जाना वहाँ है,
जमीन पर चलना नही, मुझे जाना वहाँ है,
पता है गिरकर टुट जाऊंगा, फिर उठने का विश्वास है
मै अलग बनकर दिखालाऊंगा।
पता नही ये रास्ते ले जाये कहाँ,
न जाने खत्म हो जाये, किस पल कहाँ,
फिर भी तुम सब के दिलो मे जिंदा Rahunga......
-Sam
लोग कहते है सबसे जुदा हूँ मैं,
मैने तो प्यार सबसे किया,
पर न जाने कितनो ने धोखा दिया।
चलते चलते कितने ही अच्छे मिले,
जिनने बहुत प्यार दिया,
पर कुछ लोग समझ ना सके,
फिर भी मैने सबसे प्यार किया।
दोस्तो के खुशी से ही खुशी है,
तेरे गम से हम दुखी है,
तुम हंसो तो खुश हो जाऊंगा,
तेरे आँखो मे आँसु हो तो मनाऊंगा।
मेरे सपने बहुत बढे़ है,
पर अकेले है हम, अकेले है,
फिर भी चलता रहऊंगा,
मजिंल को पाकर रहऊंगा।
ये दुनिया बदल जाये पर कितनी भी,
पर मै न बदलऊंगा,
जो बदल गये वो दोस्त थे मेरे,
पर कोई ना पास है मेरे।।
आसमान को देखा है मैने, मुझे जाना वहाँ है,
जमीन पर चलना नही, मुझे जाना वहाँ है,
पता है गिरकर टुट जाऊंगा, फिर उठने का विश्वास है
मै अलग बनकर दिखालाऊंगा।
पता नही ये रास्ते ले जाये कहाँ,
न जाने खत्म हो जाये, किस पल कहाँ,
फिर भी तुम सब के दिलो मे जिंदा Rahunga......
-Sam
Saturday 15 October 2011
कुछ दूर हमारे साथ चलो ,
हम अपनी कहानी कह देंगे ..,
समझे न जिसे तुम आँखों से,
वो बात ज़ुबानी कह देंगे..!! "
..... कौन है ...??
कौन है जो एक साए की तरह
मेरे दिल को छूती हुई गुज़र जाती है...
कभी पास से कभी दूर से..??
एक आवाज़ ... एक नगमा ...एक गीत बन कर
रग -रग मे उतर जाती है...
कभी पास से कभी दूर से..!!
कौन है जो मुझको अपनी तनहाई का एहसास दिला जाती है ..
एक खालीपन .. सूनापन छोड़ जाती है ......??
मैं उसे देखना चाहता हूँ ...जानना चाहता हूँ ...
उँगलियों से उसके चहरे को छूना चाहता हूँ ...!!
कौन है जो पास रहकर भी मुझसे दूर है ....??
कभी पास से कभी दूर से ...??
कौन है जो पास रहकर भी मुझसे दूर है ....
क़दमों की आहट सुनता हूँ , पलट कर उसे देखता हूँ ....
तस्वीर बन जाता हूँ . .बेखुद हो जाता हूँ ....!!
कौन है जो एक साए की तरह मेरे दिल को
छूती हुई गुज़र जाती है ...??
कभी पास से कभी दूर से ...!!
कौन है जो मुझको अपनी तनहाई का एहसास दिला जाती है ...
एक खालीपन ..सूनापन छोड़ जाती है ...??
कौन है जो पास रहकर भी मुझसे दूर है ....??
कभी पास से कभी दूर से ...!!
हम अपनी कहानी कह देंगे ..,
समझे न जिसे तुम आँखों से,
वो बात ज़ुबानी कह देंगे..!! "
..... कौन है ...??
कौन है जो एक साए की तरह
मेरे दिल को छूती हुई गुज़र जाती है...
कभी पास से कभी दूर से..??
एक आवाज़ ... एक नगमा ...एक गीत बन कर
रग -रग मे उतर जाती है...
कभी पास से कभी दूर से..!!
कौन है जो मुझको अपनी तनहाई का एहसास दिला जाती है ..
एक खालीपन .. सूनापन छोड़ जाती है ......??
मैं उसे देखना चाहता हूँ ...जानना चाहता हूँ ...
उँगलियों से उसके चहरे को छूना चाहता हूँ ...!!
कौन है जो पास रहकर भी मुझसे दूर है ....??
कभी पास से कभी दूर से ...??
कौन है जो पास रहकर भी मुझसे दूर है ....
क़दमों की आहट सुनता हूँ , पलट कर उसे देखता हूँ ....
तस्वीर बन जाता हूँ . .बेखुद हो जाता हूँ ....!!
कौन है जो एक साए की तरह मेरे दिल को
छूती हुई गुज़र जाती है ...??
कभी पास से कभी दूर से ...!!
कौन है जो मुझको अपनी तनहाई का एहसास दिला जाती है ...
एक खालीपन ..सूनापन छोड़ जाती है ...??
कौन है जो पास रहकर भी मुझसे दूर है ....??
कभी पास से कभी दूर से ...!!
Tere Liye
आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो
बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो
क्या
पता कल चेहरे को मुस्कुराना
और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो
आज
एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ
आज एक बार फ़िर पुरानी यादो मे डूब
जाओ
क्या पता कल ये बाते
और ये यादें हो ना हो
आज एक बार
मन्दिर हो आओ
पुजा कर के प्रसाद भी चढाओ
क्या पता कल के कलयुग मे
भगवान
पर लोगों की श्रद्धा हो ना हो
बारीश मे आज खुब भीगो
झुम झुम के
बचपन की तरह नाचो
क्या पता बीते हुये बचपन की तरह
कल ये बारीश भी हो
ना हो
आज हर काम खूब दिल लगा कर करो
उसे तय समय से पहले पुरा करो
क्या
पता आज की तरह
कल बाजुओं मे ताकत हो ना हो
आज एक बार चैन की
नीन्द सो जाओ
आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो
क्या पता कल जिन्दगी मे
चैन
और आखों मे कोई सपना हो ना हो
क्या पता
कल हो ना हो
-SameerSaawan
बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो
क्या
पता कल चेहरे को मुस्कुराना
और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो
आज
एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ
आज एक बार फ़िर पुरानी यादो मे डूब
जाओ
क्या पता कल ये बाते
और ये यादें हो ना हो
आज एक बार
मन्दिर हो आओ
पुजा कर के प्रसाद भी चढाओ
क्या पता कल के कलयुग मे
भगवान
पर लोगों की श्रद्धा हो ना हो
बारीश मे आज खुब भीगो
झुम झुम के
बचपन की तरह नाचो
क्या पता बीते हुये बचपन की तरह
कल ये बारीश भी हो
ना हो
आज हर काम खूब दिल लगा कर करो
उसे तय समय से पहले पुरा करो
क्या
पता आज की तरह
कल बाजुओं मे ताकत हो ना हो
आज एक बार चैन की
नीन्द सो जाओ
आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो
क्या पता कल जिन्दगी मे
चैन
और आखों मे कोई सपना हो ना हो
क्या पता
कल हो ना हो
-SameerSaawan
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