Saturday 15 October 2011

कुछ दूर हमारे साथ चलो ,
हम अपनी कहानी कह देंगे ..,
समझे न जिसे तुम आँखों से,
वो बात ज़ुबानी कह देंगे..!! "
..... कौन है ...??
कौन है जो एक साए की तरह
मेरे दिल को छूती हुई गुज़र जाती है...
कभी पास से कभी दूर से..??
एक आवाज़ ... एक नगमा ...एक गीत बन कर
रग -रग मे उतर जाती है...
कभी पास से कभी दूर से..!!
कौन है जो मुझको अपनी तनहाई का एहसास दिला जाती है ..
एक खालीपन .. सूनापन छोड़ जाती है ......??
मैं उसे देखना चाहता हूँ ...जानना चाहता हूँ ...
उँगलियों से उसके चहरे को छूना चाहता हूँ ...!!
कौन है जो पास रहकर भी मुझसे दूर है ....??
कभी पास से कभी दूर से ...??
कौन है जो पास रहकर भी मुझसे दूर है ....
क़दमों की आहट सुनता हूँ , पलट कर उसे देखता हूँ ....
तस्वीर बन जाता हूँ . .बेखुद हो जाता हूँ ....!!
कौन है जो एक साए की तरह मेरे दिल को
छूती हुई गुज़र जाती है ...??
कभी पास से कभी दूर से ...!!
कौन है जो मुझको अपनी तनहाई का एहसास दिला जाती है ...
एक खालीपन ..सूनापन छोड़ जाती है ...??
कौन है जो पास रहकर भी मुझसे दूर है ....??
कभी पास से कभी दूर से ...!!

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